सर्दी के मौसम में लोग गाजर का हलवा खूब खाते हैं। यह स्वादिष्ट तो होता ही है, स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी होता है। जानिए, इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों के बारे में।
नवंबर से लेकर फरवरी तक अपने देश के अधिकतर हिस्सों न में हल्की तो कभी कड़ाके की सदी पड़ती है।सदी के मौसम में खान-पान का मेन्यू भी बदल जाता है। डॉक्टर्स इस सीजन में ऐसे फूड आइटम्स खाने की सलाह देते हैं, जो हमें गर्म रखते हैं और भरपूर ऊर्जा प्रदान करते हैं। गाजर का हलवा ऐसा ही स्वादिष्ट व्यंजन है। गाजर का हलवा अपने स्वाद के कारण बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर किसी को पसंद होता है। लेकिन
सिर्फ स्वाद ही नहीं, इसमें मौजूद पौष्टिक गुण भी इसे खास बनाते हैं। पौष्टिक तत्वों से भरपूर होने के कारण जहां गाजर का हलवा हमारी सेहत अच्छी रखता है, वहीं हमारे शरीर को गर्म भी रखता है।
पौष्टिक तत्वों से भरपूर :
गाजर में कैरीटोनाइड, पोटेशियम, विटामिन सी, विटामिन ए जैसे कई पोषक तत्वों की भरमार होती है।साथ ही गाजर का हलवा खून को साफ करने और वजन घटाने में भी मददगार होता है। इसलिए सर्दियों में सबकी पसंद गाजर का हलवा होता है। गाजर के हलवे में विटामिन ए की भरपूर मौजूदगी के कारण यह हमारी आंखों की रोशनी को बेहतर बनाता है, इम्यूनिटी को मजबूत करता है। आंखों के साथ-साथ यह हमारी त्वचा को भी स्वस्थ रखता है; क्योंकि गाजर का हलवा प्रदूषण के साथ-साथ हमें यूवी किरणों से भी बचाने में मदद करता है। इसमें बीटा कैरोटीन की मात्रा अच्छी खासी होती है। यही बीटा कैरोटीन, त्वचा को टूट-फूट से बचाता है और स्वस्थ रखता है।
हड्डियां बनाए मजबूत : एक उम्र के बाद हमारे शरीर की हड्डियों के घनत्व में कमी आने लगती है। हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने में गाजर का हलवा मदद करता है। इसकी वजह यह है कि गाजर का हलवा बनाने में दूध का इस्तेमाल होता है और दूध में कैल्शियम तत्व भरपूर होता है। जब गाजर और दूध का कॉम्बीनेशन बनता है तो यह हड्डियों के लिए और भी फायदेमंद हो जाता है। इस तरह इसका सेवन हमें ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से बचाता है।
बढ़ाता है इम्यूनिटी : अगर हलवा बनाने में गाय के दूध का इस्तेमाल किया जाए, तब तो और भी फायदेमंद हो जाता है। क्योंकि गाय के दूध में विटामिन डी, प्रोबायोटिक्स और इम्यूनोग्लूबोलिन होता है। यह हमें सर्दियों में संक्रमण से बचाता है और हमारी इम्यूनिटी को मजबूती देता है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि
गाजर का हलवा वेट कंट्रोल करने में भी मददगार साबित होता है।
पाचन सही रखे : गाजर की जड़ें रेशेदार होती हैं, इसलिए इन्हें पचने में ज्यादा समय नहीं लगता। इससे लंबे समय तक पेट के भरे होने का अहसास होता है। इससे भूख जल्दी नहीं लगती और हम कुछ-कुछ देर में खाते नहीं हैं।
कैंसर से बचाए : कुछ रिसर्च में यह भी पाया गया है कि गाजर में फाइटोकेमिकल्स होने के कारण यह हमें कैंसर से बचाता है। दरअसल गाजर में चार प्रकार के फाइटोकेमिकल्स होते हैं- केरोटेनाइड्स, फेनोलिक्स, पॉली एसिटिलीन और एस्कॉर्बिक एसिड। ये सभी तत्व अपने एंटीऑक्सीडेंटिव गुणों के कारण कैंसर और ट्यूमर के जोखिम को कम कर देते हैं। गाजर के हलवे में
पॉलीफेनॉल्स नामक एंटी कैंसर तत्व भी पाया जाता है। इस तरह देखें तो गाजर में हमारी सेहत को दुरुस्त रखने वाले बहुत से तत्व पाए जाते हैं।